Bitcoin वर्ष 2009 में बाजार में आया था। उस समय इसकी कीमत बिल्कुल भी नहीं थी लेकिन आज के टाइम में बिटकॉइन की कीमत आसमान छू रही है। भले ही पहले इसे कोई वैल्यू ना देता हो लेकिन आज के समय ये बहुत वैल्युएबल है। आज हम आपको एक ऐसे ही बदनसीब व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं जो ये छोटी गलती ना करते तो आज वो अरबो रुपए के मालिक होते लेकिन एक छोटी सी गलती की वजह से उन्हें 6290 करोड रुपए का नुकसान हो गया।
Bitcoin को हल्के में लेना पड़ा भारी
ये कहानी ब्रिटेन के एक ऐसे व्यक्ति की है जिन्होंने अरबो रुपए कमाए लेकिन अपने दोस्त की एक गलती की वजह से सब कुछ गवाँ दिया। ब्रिटेन के रहने वाले हैं जेम्स हॉवल्स। उन्होंने हाईकोर्ट को ये बताया कि 2013 में उन्होंने क्रिप्टोकरंसी Bitcoin खरीदी थी। तब उसकी वैल्यू ना के बराबर थी लेकिन आज Bitcoin बहुत ज्यादा कीमती है। आज बिटकॉइन की कीमत 59.8 करोड़ पाउंड पर पहुंच गई है, जो भारत में 6290 करोड़ रुपए के बराबर है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि जिस हार्ड ड्राइव में क्रिप्टो करेंसी से संबंधित डिटेल्स थी उसे उनके दोस्त ने गलती से कूड़ेदान में डाल दी। उसके बाद उस कूड़े को न्यूपोर्ट के लैंडफिल में फेक दिया गया।
Bitcoin को लेकर जेम्स ने हाईकोर्ट से की गुज़ारिश
कहते हैं किस्मत का दरवाजा एक बार खुलता है बार-बार नहीं। जेम्स के साथ भी ऐसा हुआ। उनके पास बिटकॉइन आई लेकिन एक गलती की वजह से वो Bitcoin कूड़ेदान में डाल दी गई, इसके बाद वो उनसे बहुत दूर लैंडफिल में चली गई।
जेम्स चाहते हैं कि उनको वो Hard Drive मिल जाए ताकि उन्हे उनका पैसा मिल सके। कोर्ट से गुजारिश की कि कोर्ट उन्हें लैंड फील्ड से हार्ड ड्राइव को ढूंढने के लिए छूट दे दे।
क्या कहना है कोर्ट का?
हाई कोर्ट ने जेम्स की अपील को स्वीकार नहीं। हाई कोर्ट की तरफ से जेम्स को हार्ड ड्राइव निकालने की इजाजत नहीं दी गई। हाई कोर्ट के अनुसार भले ही क्रिप्टोकरंसी की कीमत क्यों ना बढ़ रही हो लेकिन से उसे हार्ड ड्राइव को खोजने के लिए एक एक्सपर्ट्स की टीम की जरूरत होगी जो कि पॉसिबल नहीं है।
जेम्स ने यहां तक कहा कि अगर हार्ड ड्राइव मिल जाएगी तो काउंसिल को वो उसमें से शेयर भी देंगे लेकिन न्यूपोर्ट काउंसिल ने ये दलील दी कि कानून के अनुसार अगर एक बार हार्ड ड्राइव लैंडफिल में चली जाए तो वो प्रॉपर्टी काउंसिल की हो जाती है। इसके अलावा एटमॉस्फेरिक ला के हिसाब से भी लैंडफिल से कोई भी चीज निकाली नहीं जा सकती। इस वजह से कोर्ट ने जेम्स की अपील को खारिज कर दिया।
2009 में बिटकॉइन की कोई भी वैल्यू नहीं थी
बिटकॉइन 2009 में शुरू किया गया लेकिन उसे समय इसकी वैल्यू रद्दी के बराबर भी नहीं थी लेकिन आज के समय में इसका भाव $100000 की करीब पहुंच गया है। आज के समय में बिटकॉइन इतना कीमती हो चुका है कि लोग इसे खरीद भी नहीं पा रहे हैं। जिन लोगों ने बिटकॉइन को संभाल कर रखा वह करोड़पति बन गए।
जेम्स की बदनसीबी
इसे James की बदनसीबी कहा जाएगा कि उनके हाथ में पैसा आते-आते फिसल गया। James भी दावा कर रहे हैं कि उनकी Bitcoin करेंसी की कीमत जल्द ही एक अरब पाउंड तक पहुंच सकती है लेकिन कोर्ट का कहना भी गलत नहीं है क्योंकि न्यूपोर्ट लैंडफिल में आज के समय में लगभग 14 लाख टन का वेस्ट है। हार्ड ड्राइव के एरिया की बात करें तो उसमें एक लाख टन का वेस्ट पड़ा हुआ है। अब उनमें से जेम्स की Hard Drive कौन सा है यह भी पता लगाना मुश्किल है। इससे न सिर्फ टाइम वेस्ट होगा बल्कि हार्ड ड्राइव मिलेगी इस बात की भी संभावना न के बराबर है। लेकिन अगर हार्ड ड्राइव मिल जाती है तो आने वाले समय में उनके Bitcoin की कीमत एक अरब पाउंड यानी 10.5 हजार करोड रुपए से भी ज्यादा हो सकती है। फिलहाल तो जेम्स की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।