Lohri Festival 2025 को पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। लोग एक दूसरे को लोहड़ी के त्योहार (Lohri Festival) की बधाइयां दे रहे हैं। तरह-तरह के मैसेज भेजकर लोग इस फेस्टिवल को बड़े धूमधाम से मना रहे हैं। Lohri Festival 2025 के फेस्टिवल में “सुंदर मुंदरिये गीत” प्रचलित है, जो “Dulla Bhatti का गीत” के नाम से जाना जाता है। हर लोहड़ी फेस्टिवल में ये गीत जरूर गया जाता है। जबसे लोहड़ी के त्यौहार की शुरूआत हुई है तबसे इस गीत को गाने की परंपरा भी चली आ रही है। Dulla Bhatti Lohri Festival से क्या संबंध है चलिए जानते हैं-
Lohri Festival 2025 Dulla Bhatti Song
हर साल की तरह इस साल भी 13 जनवरी को लोहड़ी के त्योहार का उत्साह पंजाब और हरियाणा के साथ साथ पूरे नॉर्थ इंडिया में देखने को मिल रहा है। मकर संक्रांति से एक दिन पहले इस त्यौहार को मनाया जाता है। यह त्यौहार है रिश्तो को जोड़ने वाला। ये पर्व बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। पंजाबी लोग शाम होते ही दोस्त, परिवार और करीबी लोग मिलकर एक साथ लोहड़ी का पावन पर्व मनाते हैं। सबकी त्यौहार को मनाने के तरीके अलग-अलग हैं लेकिन इस त्यौहार का संदेश एक है वो है एकता फैलाना। इसके अलावा आग जलाने के बाद दुल्ला भट्टी के गीत जरूर गाए जाते हैं। आपने अक्सर यह गीत सुना होगा-
“सुन्दर मुंदरिए……तेरा कौन विचारा ओए….”
ये Song Dulla Bhatti का गीत है। सवाल है कि आखिर कौन था ये Dulla Bhatti? लोहड़ी के त्योहार से उनका क्या संबंध है?
कौन था Dulla Bhatti?
उस समय हमारे देश पर मुगल शासक अकबर का शासन था। अकबर के शासनकाल में लड़कियों की बहुत दुर्दशा थी। पंजाब में लड़कियों को अमीरों को बेचा जाता था। लड़कियों की दुर्दशा के बारे में कुछ कहा नही जा सकता। लड़कियों को गुलाम समझा जाता था। दुल्ला भट्टी(Dulla Bhatti) वैसे तो अकबर के समय डकैत के नाम से जाना जाता था लेकिन गरीबों का मसीहा था वो। एक बार की बात है “सुंदरी और मुंदरी” को अकबर के शासनकाल में गुलामी के लिए ले जाया जा रहा था। दोनों की ही शादी तय हो चुकी थी लेकिन अकबर के डर से दोनों के ससुराल वाले शादी करवाने की हिम्मत नहीं कर पा रहे थे। जब इन दोनों लड़कियों को संदल बार में जबरन बेचने के लिए ले जाया गया तो दुल्ला भट्टी एक नायक की तरह आये। फिर क्या था दुल्ला भट्टी वीरता पूर्वक सुंदरी और मुंदरी को गुलामी से बचाकर लाये। फिर उन्होंने एक ब्राह्मण के साथ मिलकर लड़के वालों को शादी के लिए तैयार किया। एक जंगल में आग जलाई गयी। उन दोनों लड़कियों की शादी हिंदू लड़कों से करवाई गयी। दुल्ला भट्टी (Dulla Bhatti) ने उन लड़कियों के पिता होने का फर्ज निभाया और कन्यादान किया। शगुन में उन्हें शक्कर दी।
Dulla Bhatti का Lohri Festival से संबंध
आपको दुल्ला भट्टी के कहानी के बारे में तो पता चल गया लेकिन आप सोच रहे होंगे कि आखिर लोहड़ी के फेस्टिवल का दुल्ला भट्टी से क्या संबंध है। दुल्ला भट्टी महिलाओं की इज्जत करता था इस वजह से उन्होंने सुंदरी और मुंदरी की जान बचाई। यही कारण है कि हर साल पंजाब में बुजुर्ग लोहड़ी के पास बैठकर यह कहानी अपने से छोटे लोगों को सुनाते हैं। Lohri Festival में शादीशुदा महिलाओं का विशेष महत्व है। उनके मायके में उनकी खूब और भगत की जाती है और उन्हें तरह-तरह के उपहार भेट किए जाते हैं।
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