पूर्व प्रधानमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) का निधन गुरुवार को हुआ। उनकी स्थिति को लेकर AIIMS (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) के सूत्रों ने बताया कि उनका स्वास्थ्य गंभीर था और उन्हें कई विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा इलाज दिया जा रहा था। हालांकि, अस्पताल में भर्ती होने का कारण तुरंत स्पष्ट नहीं हो सका। मनमोहन सिंह का निधन भारतीय राजनीति और सार्वजनिक जीवन के लिए एक बड़ी क्षति है।
मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) भारतीय राजनीति के प्रमुख चेहरों में से एक थे, जिन्होंने न केवल एक अनुभवी नेता के रूप में देश की सेवा की, बल्कि आर्थिक सुधारों और वैश्विक स्तर पर भारत के आर्थिक सम्मान को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे और भारतीय राजनीति में अपनी तकनीकी क्षमता और ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध थे। वह भारतीय राजनीति के एकमात्र सिख प्रधानमंत्री थे, जो अपनी शालीनता और संयम के लिए भी पहचाने जाते थे।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ट्वीट किया, “पूर्व प्रधानमंत्री और भारत के आर्थिक परिदृश्य को बदलने वाले एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। पद्म पद्म विभूषण से सम्मानित और 1991 में भारत के आर्थिक उदारीकरण के वास्तुकार, उन्होंने… pic.twitter.com/TFAeWkoBti
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 26, 2024
India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji. Rising from humble origins, he rose to become a respected economist. He served in various government positions as well, including as Finance Minister, leaving a strong imprint on our economic… pic.twitter.com/clW00Yv6oP
— Narendra Modi (@narendramodi) December 26, 2024
ये भी पढ़े: IND vs AUS: रोहित शर्मा ने चौथे टेस्ट मैच के लिए किया बड़ा बदलाव, जानिए किसे दिखाया बाहर का रास्ता?
मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) का राजनीतिक करियर प्रेरणादायक था। उन्होंने 1991 में राज्यसभा में प्रवेश किया, इसके बाद वह वित्त मंत्री के रूप में पी.वी. नरसिंह राव की सरकार में शामिल हुए। उनकी नीतियों ने भारत की अर्थव्यवस्था को खोलने और वैश्विक बाजारों में भारत की स्थिति को मजबूती से स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को उदारीकरण, निजीकरण, और वैश्वीकरण की दिशा में मार्गदर्शन किया, जिससे भारत एक वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में उभरा।
मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) का व्यक्तित्व केवल उनके आर्थिक दृष्टिकोण के लिए नहीं, बल्कि उनके विनम्र और सुसंस्कृत स्वभाव के लिए भी जाना जाता था। उनका राजनीति में प्रवेश एक कठिन समय में हुआ, जब देश को आर्थिक संकट का सामना था। बावजूद इसके, उन्होंने आर्थिक सुधारों की दिशा में साहसिक कदम उठाए, जिनसे भारतीय अर्थव्यवस्था में स्थिरता आई और भारत के वैश्विक प्रभाव में वृद्धि हुई।
संसद में उनके अंतिम शब्दों में एक मजबूत आलोचना थी, जो उन्होंने नोटबंदी के फैसले पर व्यक्त की थी। उन्होंने इसे “अनधिकृत और कानूनी लूट” के रूप में वर्णित किया था, जो उनके राजनीतिक दृष्टिकोण और सच्चाई के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक था।
मनमोहन सिंह का निधन भारतीय राजनीति के एक युग के समापन का प्रतीक है। उनके योगदान, उनके सिद्धांत और उनकी दृष्टि को हमेशा याद किया जाएगा।