CIBIL Score New Rules को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से जारी कर दिया गया है। क्रेडिट हिस्ट्री को मेन्टेन करने के लिए जरूरी है CIBIL Score का अच्छा होना। लंबे समय से Credit Score के संबंध में बहुत सी शिकायते RBI के पास आ रही थी। इसलिए RBI की तरफ से 6 CIBIL Score New Rules बनाए गए। इन नियमों के बारे में आपको पता होना चाहिए। ये नए नियम हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये आपके CIBIL Score को मेन्टेन करने मे आपकी मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं इन नियमों के बारे मे विस्तार से–
CIBIL Check की सूचना भेजनी होगी
CIBIL Score New Rules के अनुसार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से क्रेडिट इन्फॉर्मेशन प्रदान करने वाली सभी कंपनियों को सूचित किया गया है कि जब भी बैंक या NBFC की तरफ से किसी Customer की क्रेडिट रिपोर्ट चेक की जाए तो ये जरूरी है कि संबंधित कस्टमर को इस बारे में पूरी जानकारी भेजी जाए। ये पारदर्शिता को बनाए रखेगी। बैंक आए NBFC की तरफ से CIBIL Score Check करने की जानकारी कस्टमर को एसएमएस या ईमेल के माध्यम से भेजी जा सकती है। आपको बता दें कि बीते कुछ दिनों से क्रेडिट स्कोर के संबंध में बहुत सी शिकायतें सामने आ रही थीं, इसीलिए भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से CIBIL Score New Rules अपडेट किए गए।
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CIBIL Score New Rules के अनुसार ग्राहकों का CIBIL स्कोर हर 15 दिनों में अपडेट किया जाएगा। ये नए नियम 1 जनवरी 2025 से प्रभावी हो चुके हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से फाइनेशियल कंपनियों और बैंकों को ये जानकारी दी गई है कि वो जल्द से जल्द क्रेडिट स्कोर को अपडेट करें। हर महीने कस्टमर्स की क्रेडिट इनफॉर्मेशन को क्रेडिट इंस्टीट्यूट CIC को देनी पड़ती है।
साल में एक बार ग्राहकों को देनी होगी Full Credit Report
आरबीआई की तरफ से यह सूचना जारी की गई है कि साल में एक बार ग्राहकों की उनकी Full Credit Report देना आवश्यक है। इसके लिए फाइनेंशियल कंपनी को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर लिंक के जारी करे जो ग्राहकों को Annual Credit Score की इनफॉरमेशन प्राप्त करने में हेल्प करेगी। CIBIL Score New Rules के अनुसार लिंक पर क्लिक करके ग्राहक फ्री में अपना क्रेडिट स्कोर चेक कर पाएंगे। इस तरह से Annual Credit Report के माध्यम से ग्राहक ये पता कर पाएंगे कि उनकी क्रेडिट हिस्ट्री कैसी चल रही है।
बताना होगा कारण
नए नियमों के मुताबिक अगर कोई भी फाइनेशियल कंपनी या बैंक किसी ग्राहक की रीक्वेस्ट को रिजेक्ट करती है तो उसके लिए प्रॉपर रीज़न बताना जरूरी होगा। इससे ग्राहक आसानी से समझ पाएंगे कि किस चूक की वजह से उनकी रीक्वेस्ट को रिजेक्ट किया गया है। इतना ही नही CIBIL Score New Rules के अनुसार रिक्वेस्ट रिजेक्ट के कारणों की लिस्ट बनाकर उन्हे क्रेडिट इंस्टीटयूट्स को भी भेजनी जरूरी है।
डीफाल्ट की जानकारी सबसे पहले दें ग्राहकों को
नए और अपडेटेड नियमों के अनुसार ग्राहकों को डीफाल्ट घोषित करने से पहले ये जरूरी है कि लोन देने वाली कंपनियां उन्हे इस बात की सूचना पहले दें। डीफाल्ट की सूचना एसएमएस या ई मेल के माध्यम से ग्राहकों तक पहुचाई जा सकती है। बैंक या लोन देने वाली संस्थाओं के पास एक नोडल ऑफिसर होना चाहिए जो ग्राहकों की Credit Score से संबंधित हर समस्या को सुलझा सके।
शिकायतों के निपटान के लिए 30 दिन निर्धारित
न्यू रुल्स के मुताबिक 30 दिन के अंदर-अंदर क्रेडिट इनफॉर्मेशन कंपनियों की तरफ से ग्राहकों की शिकायत का निपटारा करना होगा। अगर ऐसा नही होता है तो उस कंपनी को 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना भरना पड़ेगा। शिकायत का निपटारा करने में जितनी देर होगी कंपनियों को उतना ही अधिक जुर्माना भरना पड़ेगा। शिकायत का निपटारा करने के लिए लोन प्रोवाइडर कंपनियों को 21 दिन का और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन की समय सीमा दी जाएगी। निर्धारित समय सीमा के अंदर काम न करने पर हर्जाना भरना पड़ेगा।
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